Devraha baba ki ansuni kahani बाबा का देवरिया आगमन
जगदम्बा की आकाशवाणी एकवार बाबा विन्ध्यवासिनी माता की परिक्रमा कर रहे थे. उसी समय आकाशवाणी हुई- "योगिराज! इस समय जगत् में योग की क्रिया लुप्तप्राय हो रही है। उसका भी प्रचार करना आपका कर्तव्य है। पर यह तभी सम्भव है जब किसी एक स्थान में स्थित होकर शिष्य परम्परा के द्वारा प्रचार किया जाय और भगवद्भक्ति का भी प्रचार आपसे ही हो सकता है। इस कलियुग में भगवद्भक्ति के बिना संसार से मुक्ति नहीं हो सकती।" "हे महाप्रज्ञ! अब आप सरयू नदी के तट पर निवास करें, अपनी सारी यौगिक क्रियाओं का स्मरण कर, अनेक मतवादियों के अनेकानेक मत प्रचार से अनिशयात्मक बुद्धि वाले जनसमूह का उद्धार करे। क्योंकि संसार के उद्धार के लिए ही इस मानव-विग्रह में आप अवतीर्ण हुए हैं।" बाबा का देवरिया आगमन सन् 1918 के आस-पास देवरिया जनपद में भयकर सूखे के कारण प्राणिमात्र और पशु-पक्षी चाहि-त्राहि चिल्ला रहे थे। किंकर्तव्यविमू मानव अत्र के लिए और पशु-पक्षी आहार के लिए व्यन थे। सर-सरिता नदी-नाले और कुएँ सबका अन्तर नीरस हो चुका था. वृक्षों की पत्तियों सूख गयी थी। एक विशाल वट वृक्ष के तल परिस्थिति के मारे खिव...